Nek Aulad Ki Dua: ये दुआ पढ़ लो… औलाद बनेगी आँखों की ठंडक!

Nek Aulad Ki Dua: हर मां-बाप का अरमान होता है कि अल्लाह उन्हें औलाद की नेमत दे और वो भी ऐसी औलाद जो नमाज़ी, आज्ञाकारी और बुढ़ापे का सहारा बने।

सोचिए, अगर ये औलाद कुरआन से सिखाई गई “नेक औलाद की दुआ” से मांगी जाए और सच में नेक निकल आए—तो इससे बड़ी कामयाबी क्या हो सकती है?

आज हम बात करेंगे उसी खास टॉपिक पर कुरआन और हदीस से नेक औलाद पाने की दुआ और साथ ही जानेंगे कि इसके लिए कौन से अमल और वज़ीफ़े फायदेमंद हैं।


औलाद: नेमत भी, आज़माइश भी

कुरआन कहता है कि औलाद अल्लाह की ओर से एक तोहफ़ा है, लेकिन साथ ही एक इम्तिहान भी। फर्क बस इतना है कि हम उसे किस राह पर ले जाते हैं। कोशिश हमारी, तौफ़ीक अल्लाह की—और इसी में दुआ सबसे अहम है।


नेक औलाद क्यों है सबसे बड़ा तोहफ़ा?

  • आपकी बात मानती है और इज़्ज़त करती है
  • दीन पर चलती है, जिससे दिल को सुकून मिलता है
  • समाज में भलाई फैलाती है
  • और सबसे बढ़कर—सहीह हदीस (सहीह मुस्लिम) के मुताबिक, इंसान के मरने के बाद सिर्फ 3 चीज़ों का सवाब जारी रहता है:
    1. सदक़ा-ए-जारिया
    2. इल्म जिससे लोग फायदा लें
    3. नेक औलाद जो अपने वालिदैन के लिए दुआ करे

Nek Aulad Ki Dua कुरआन से

1. हज़रत इब्राहीम अ.स. की दुआ (सूरह इब्राहीम, आयत 40)

हिंदी में:

रब्बी इज’अलनी मुक़ीमस सलाति व मिन ज़ुर्रिय्यती, रब्बना व तक़ब्बल दुआ।

अरबी में:

رَبِّ اجْعَلْنِي مُقِيمَ الصَّلَاةِ وَمِن ذُرِّيَّتِي ۚ رَبَّنَا وَتَقَبَّلْ دُعَاءِ

तरजुमा:

"ऐ मेरे परवरदिगार! मुझे और मेरी औलाद को नमाज़ क़ायम करने वाला बना, और मेरी दुआ कबूल फरमा।"

2. हज़रत ज़करिया अ.स. की दुआ (सूरह आल-ए-इमरान, आयत 38)

हिंदी में:

रब्बी हब ली मिल लदुनका ज़ुर्रिय्यतं तय्यिबाह; इन्नका समीउद दुआ।

अरबी में:

رَبِّ هَبْ لِي مِن لَّدُنكَ ذُرِّيَّةً طَيِّبَةً ۖ إِنَّكَ سَمِيعُ الدُّعَاءِ

तरजुमा:

"ऐ मेरे परवरदिगार! मुझे अपने पास से पाकीज़ा औलाद अता फरमा। तू ही दुआ सुनने वाला है।"

नेक औलाद पाने के लिए ज़रूरी अमल

  1. खुद नेक बनें – औलाद आपकी परछाई होती है
  2. इस्तग़फ़ार की आदत – गुनाह माफ और रहमत हासिल
  3. पाँच वक्त की नमाज़ – दुआ की कुबूलियत का सबसे बड़ा रास्ता
  4. सदक़ा और खैरातबरकत और दुआओं की तस्दीक़
  5. अच्छी तरबियत की प्लानिंग – कुरआन, नमाज़ और इस्लामी आदाब सिखाना
  6. दुआ में यकीन और लगन – आधे दिल से मांगी दुआ असरदार नहीं होती

बिना औलाद वाले जोड़ों के लिए हौसला

अगर अभी तक औलाद नहीं हुई—सब्र करें, दुआ करते रहें, और इलाज में कोताही न करें। अल्लाह की मसलहत पर भरोसा रखें, क्योंकि वो हमेशा हमारे लिए भलाई का फैसला करता है।


बेटा या बेटी? असली बात ये है…

कुरआन कहता है—अल्लाह जिसे चाहे बेटा देता है, जिसे चाहे बेटी, और जिसे चाहे दोनों। हकीकत ये है कि नेक औलाद ही असली दौलत है—जेंडर मायने नहीं रखता।


हदीस में नेक औलाद की फज़ीलत (सहीह मुस्लिम)

“जब इंसान मर जाता है, तो उसका अमल बंद हो जाता है, सिवाय तीन चीज़ों के—सदक़ा-ए-जारिया, इल्म जिससे लोग फायदा लें, और नेक औलाद जो उसके लिए दुआ करे।”


आख़िरी बात

दोस्तों, नेक औलाद की दुआ मांगना सिर्फ एक ख्वाहिश नहीं—ये हमारी ज़िम्मेदारी है। कुरआन और हदीस ने हमें इसकी बेहतरीन दुआएं सिखाई हैं। इन्हें सीखें, पढ़ें, समझें और अपने अमल से साबित करें कि हम वाकई नेक औलाद के हकदार हैं।

अल्लाह हम सबको नेक और सालेह औलाद अता फरमाए। आमीन।

My name is Firdoush, and I am the Editor and Writer at Alseza. I am a Sunni Muslim from Ranchi, India, with experience in teaching and writing about Islam since 2019. My work focuses on creating and sharing authentic Islamic duas and content aimed at pleasing Allah ﷻ and seeking His blessings.