Khana Khane Ke Baad Ki Dua: जिंदगी में जीवित रहने के लिए सभी जीवों के लिए खाना जरूरी है लेकिन बहुत ऐसे भी जीव हैं जो हर रोज और हर वक्त का खाना नहीं खा पाते क्या कीजिएगा सबकी जिंदगी एक नहीं है।
कुछ को तो मिलता है जबकि बहुत सारे ऐसे ही किसी रोज किसी वक्त बगैर खाए भी गुजार देते हैं इसीलिए अगर हमें दो वक्त का रोटी मिल रहा है तो इसका शुक्रिया अदा करना चाहिए।
इसीलिए आज आप यहां पर जानेंगे कि खाना खाने के बाद कैसे शुक्रिया अदा किया जाए और मजहब ए इस्लाम में इसे दुआ के जरिए शुक्रिया अदा करने को कहा गया है तो आइए जानते हैं काहे की देरी।
Khana Khane Ke Baad Ki Dua
सभी को मद्देनजर रखते हुए हमने यहां पर खाना खाने के बाद की दुआ को हिंदी और इंग्लिश के अलावा अरबी और साथ ही तर्जुमा भी बताया है तो आसान लफ्जों में अपने पसंदिदा भाषा में पढ़ें।
Khana Khane Ke Baad Ki Dua In Hindi
अल्हम्दु लिल्लाहिल्लजी अत अमना व सकाना व हदाना व जअल्ना मिनल मुस्लिमीन
Khana Khane Ke Baad Ki Dua In English
Alhamdu Lillahillazi Ata Amnaa Wa Sakaanaa Wa Hadaana Wa Ja’Alna Meenal Musleemin
Khana Khane Ke Baad Ki Dua In Arabic
الْحَمْدُ لِلَّهِ الَّذِي أَطْعَمَنَا وَسَكَنَا وَهَدَانَا وَجَعَلَنَا مِنَ الْمُسْلِمِينَ
Khana Khane Ke Baad Ki Dua Ka Tarjuma
तमाम खुबियां उस अल्लाह के लिए है जिसने हमें खिलाया और पिलाया और हिदायत दी और मुसलमान बनाया।
खाना खाने के बाद की दुआएं
एक हदीस में यह है कि हज़रत अबू सईद खुदरी रजियल्लाहु अन्हुं से रिवायत है कि हुज़ूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम जब खाने से फारिग होते तो ये दुआ फरमाते।
अल्हम्दु लिल्लाहिल्लजी अत अमना व सकाना व हदाना व जअल्ना मिनल मुस्लिमीन
इस हदीस के मुताबिक हजरत अबी अमामा रजियल्लाहु अन्हुं से रिवायत है कि आप जब दस्तरखान से खाना खाकर फारिग होते तो ये दुआ पढ़ते।अलहम्दु लिल्लाहिल्लजी कफाना व अरवाना गै र मकफिय्यिंव वला मकफुर।
एक और हदिस हजरत अबु अय्युब रजियल्लाहु अन्हुं से रिवायत है कि रसुलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम जब खा पी लेते तो ये पढ़ते – ‘अलहम्दु लिल्लाहिल्लजी अत अम व सका व सव्वगहु व ज अल लहू मखरजा’
एक रिवायत यह भी है कि हुज़ूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम खाने के बाद ये दुआ मांगते – ‘अलहम्दु लिल्लाहिल्लजी अत अमनी हाजत्तआ म वर ज कनीहि मिन गैरि हौलिम मिन्नी वला कुव्वतिन’
जिसका तर्जुमा है कि तारीफ अल्लाह के लिए है जिसने मुझको ये खाना खिलाया और मुझको ये रोजी नसीब कि बग़ैर मेरी किसी ताकत और कुव्वत के।
खाना खाने के बाद ऐसे दुआ करें
मुकम्मल खाना खाने के बाद सबसे पहले अपने दोनों हाथों को अच्छी तरह से धो लें और धोने के बाद हांथ को तौलिया वगैरा से खुश्क कर लें।
आपके दांतों में अगर खाने का टुकड़ा गिजा वगैरा लगी हो तो उसे हांथ धोते वक्त ही निकाल लें यह दुनियां के साथ साथ सुन्नत में भी ज़रूरी है।
इसे फायदा यह होगा कि किसी तरह के आपके मूंह में होने वाली मर्ज जैसे दांतों का दर्द होना मसूड़ों में जख्म होना इन सभी बीमारियों निजात मिलेगी।
लेकिन कोई रेजा या गिजा लगी हो तो उसे निगलने में कोई दिक्कत नहीं हाथों को धोते वक्त साबुन वगैरा लगाएं ताकि चिकनाई अच्छे से उतर जाए।
इन सभी बातों को मुकम्मल करने के बाद जहां आप खाने में बैठे थे उसी जगह बैठे बैठे खाने के बाद की दुआ पढें फिर आसमान की जानिब हांथ उठा कर भी दुआ करें।
अपने दौलतखाने पर खा रहे हैं तो खुदा का शुक्र और साथ ही अपनी रहमत की दुआ करें।
लेकिन दुसरे के यहां खा रहे हैं तो खुदा का शुक्र के साथ साथ उनके हक में भी दुआ करें ऐ अल्लाह जिसने मुझे खिलाया तू भी उसे खिला और पिला आमीन सुम्मा आमीन।
अंतिम लफ्ज़
तो दोस्तों, भाइयों, और बुजुर्गों कैसा लगा आज का यह पोस्ट जिसमें आपको जानने को मिला खाना खाने के बाद की दुआ और भी इसे जुड़ी सुन्नत और आदाब जो हम सभी के लिए आवश्यक है।
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