Roza Rakhne Ki Dua: एक साल के बेसब्री से इंतजार के बाद हमारे दरमियान रमज़ान का पाक महीना आया है जिसकी रहमत से पूरा कायनात जगमगा रहा है क्योंकि इसकी फ़ज़ीलत ही ऐसी है।
आपको भी मालुम होगा कि रमजान में नेकियों का सवाब दोगुना हो जाता है इसीलिए हमें भी इस पाक रहमत व बरकत से भरी महीने में खूब ज्यादा इबादत करना चाहिए।
आज यहां एक ऐसी ही इबादत की दुआ यानि रोज़ा रखने की दुआ जानेंगे जिसकी जरूरत हम सभी को है इसे आपकी रोज़ा बारगाह ए इलाही में कबूल होगी
Roza Rakhne Ki Dua
आपको अच्छे से समझ आ जाए इस बात को जेहन में रखते हुए हमने यहां पर इस दुआ यानि रोज़ा रखने की दुआ को हिंदी के अलावा इंग्लिश और अरबी में भी लिखा है क्योंकि इस संसार में इन तीनों मशहूर भाषाओं को ज्यादा चहेते हैं।
Roza Rakhne Ki Dua In Hindi
अल्लाहुम्मा नवैतु अन असौमा गदन लिल्लाहि तआला मिन फर्जी रमज़ान

Roza Rakhne Ki Dua In English
Allahumma Nawaitoo An Asauma Gaadan Lillahi T’Aala Min Farzi Ramzan.
Roza Rakhne Ki Dua In Arabic
اَللّٰهُمَ نَوَيْتُ اَنْ اَصُوْمَ غَدًالِلّٰهِ تَعَالٰى مِنْ فَرْضِ رَمَضَاَنَ
Roza Rakhne Ki Dua Ka Tarjuma
मैंने नियत की, कि अल्लाह के लिए कल इस रमज़ान का फर्ज़ रोज़ा रखूंगा।
रोजा से जुड़ी हदीस
एक हदीस के मुताबिक हज़रत अब्दुल्लाह बिन अब्बास रजियल्लाहु तआला अन्हुं बयान करते हैं कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया।
सेहरी खा कर दिन के रोजे के लिए ताकत हासिल करो और दिन को कैलुला करके रात की इबादत के लिए मदद हासिल करो।
इसी तरह हज़रत अबू सईद खुदरी रजियल्लाहु अन्हुं बयान करते हैं कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया।
सेहरी में बरकत ही बरकत है इस लिए इसे मत छोड़ो अगर्चे एक घुंट पानी ही पी लो।
एक और अज़ीम हदीस के मुताबिक हज़रत अब्दुल्लाह बिन उमर रजियल्लाहु अन्हुमा बयान करते हैं कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया।
कि अल्लाह तआला और उसके फ़रिश्ते सेहरी करने वालों पर दुरूद भेजते हैं।
रोजा रखने पर इन बातों से परहेज़ करें
- हर छोटे से छोटे बुरी बातों से ख़ुद को बचाएं
- कभी भी झूठ बोलने से परहेज़ करें
- एक और बात जमा थूक निगलने से भी बचें
- और हां आलस्पन से भी खुद को दूर रखें
- कभी भी नापाकी से भी खुद को बचाएं
आख़िरी लफ्ज़
आपने इस लेख में रोजा रखने की दुआ को बहुत ही साफ़, सरल और आसान लफ्जों में पढ़ा। यकीनन इसे पढ़ने के बाद आप हमेशा रोजा रखने की दुआ पढ़कर अपने अल्लाह की रज़ा के लिए रोजा पूरे रमजान रखेंगे रखेंगे।
अगर आपके मन में अभी भी रोजा रखने की दुआ या यहां लिखी गई किसी भी बात या फिर हदीस से जुड़ा कोई सवाल है, तो आप हमसे कमेंट करके पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों का जवाब देने की कोशिश शीघ्र करेंगे।
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