Istikhara Ki Dua: अच्छा कभी कभार जिंदगी में ऐसा भी होता है कि हमारे दरमियान कई बार एक नहीं बल्कि दो दो अच्छी ऑप्शन किसी भी चीज़ का लेकर अवेलेबल होती है जिसे चूज करने में काफी कन्फ्यूजन होता है।
इसमें एक अच्छे ऑप्शन का चयन करना सच में बहुत मुश्किल होता है लेकिन इसका सोल्यूशन भी चौदह सौ वर्ष पहले ही नाजिल की गई है जिसे हम सब इस्तिखारा के नाम से जानते हैं।
आज यहां पर इसी इस्तिखारे की दुआ को जानेंगे जो हमें सहूलियत देता है कि हमारे लिए क्या सही और क्या गलत है तो आइए इस दुआ को विस्तार से जानते हैं।
Istikhara Ki Dua
तो….. हां इस्तिखारा की दुआ के बारे में हम बात कर रहे हैं जिसे हमने यहां पर एक्यूरेट अंडरस्टैंडिंग के लिए हिंदी के अलावा भी जैसे इंग्लिश और अरबी भाषा में लिखा है।
Istikhara Ki Dua In Hindi
अल्लाहुम्मा इन्नी अस्तखिरू क बेइल्मिक
व अस्तकदिरु क बे कुदरतिक
व अस अलु क मिन फजलिकल
अज़ीम फ इन्न क तक्दीरु
वला अकदिर व ताअलमु
वला आअलम व अन त आलमुल गुयुब
अल्लाहुम्म इन कुन त ताअलमु
अन्न हाज़ल अम्र खैरूल्ली फि दीनी
व मआसी व आकिबती अम्री
फक दुरहु ली व यस्सिरहु ली सुम्म बारिकली फिही
व इन कुन त ताअलमु अन्न हाजल अम्र
सर्रूलि फि दीनी व मआसी व आकिबती अम्री फसरिफहु अन्नि
व असरिफनी अन्हुं वकदुर लि यल खैर हयसु का न सुम्म अर्जिनी बिही।
Note: जहां हाजल अम्र है वहां अपना जरूरत को जुबान से बोलें इस तरह से कि ऐ मेरे अल्लाह इसे मैं करूं या ना।
Istikhara Ki Dua In Arabic
اللَّهُمَّ إِنِّي أَسْتَخِيرُكَ بِعِلْمَكَ، وَأَسْتَقْدِرُكَ بِقُدْرَتِكَ،
وَأَسْأَلُكَ مِنْ فَضْلِكَ الْعَظِيمِ، فَإِنَّكَ تَقْدِرُ وَلَا أَقْدِرُ،
وَتَعْلَمُ، وَلَا أَعْلَمُ، وَأَنْتَ عَلَّامُ الْغُيُوبِ، اللَّهُمَّ
إِنْ كُنْتَ تَعْلَمُ أَنَّ هَذَا الْأَمْرَ- خَيْرٌ
لِي فِي دِينِي وَمَعَاشِي وَعَاقِبَةِ أَمْرِي
عَاجِلِهِ وَآجِلِهِ- فَاقْدُرْهُ لِي وَيَسِّرْهُ لِي
ثُمَّ بَارِكْ لِي فِيهِ، وَإِنْ كُنْتَ تَعْلَمُ أَنَّ هَذَا
الْأَمْرَ شَرٌّ لِي فِي دِينِي وَمَعَاشِي وَعَاقِبَةِ أَمْرِي
عَاجِلِهِ وَآجِلِهِ- فَاصْرِفْهُ عَنِّي وَاصْرِفْنِي
عَنْهُ وَاقْدُرْ لِيَ الْخَيْرَ حَيْثُ كَانَ ثُمَّ أَرْضِنِي بِهِ
Istikhara Ki Dua In English
Allahumma inni Astakhiru Ka Be-ilmik
Wa Astakdiru Ka Be Kudratika
Wa As Aluka Meen Fazleekal
Azeem Fa inna Ka Takdiru
Wala Akadir Wa Ta’almu
Walaa Aa’alam wa Anta Aalmul Guyub
Allahumma inna Kunta Ta’almu Anna Hazal Amra
Khairulli Fee Deeni Wa Ma’aasi Wa Aakibati Amri Faq Durhoo Lee
Wa Yassirahu Lee Summa Bareekali
Fihi wa inna Kunta Ta’almu Anna
Hazal Amra Sarruli Fi Deeni
wa Ma’aasi Wa Aakibati Amri Fasrifahu Anni
Wa Asrifni Anhu Wakadur Liyal Khair
Haysu Ka-na Summa Arzini Beehi.
Istikhara Ki Dua Ka Tarjuma
इलाही मैं तुझ से तेरे इल्म के जरिए खैर की दरख्वास्त करता हूं
और तेरी कुदरत से तेरी मदद और तेरी इस्तकामत चाहता हूं
मैं कादिर नहीं हूं साहबे कुदरत तू है मैं नादान हूं तु दाना है
इलाही गैब का इल्म तुझ ही को है इलाही तू जानता है
यह काम मेरे दीन मेरे दुनिया मेरी आखीरत और मेरा अंजाम में बेहतर है
जल्दी या देर में फायदा देने वाली ही चीज़ जो मेरे हक में बेहतर हो और मेरे लिए फायदा बख्श हो
वह मेरे लिए मुकद्दर और आसान कर उसमें मुझे बरकत दे
और अगर ऐसी न हो तो मुझ से दुर रख और जिस जगह मैं
हूं वहां मेरे लिए नेकी और आसान कर दे
जब तक मैं दुनिया में रहूं मुझे अपने हुक्म में खुशनूद कर तू अरहमर्राहिमीन है।
इस्तिखारा का मतलब क्या होता है?
इस्तिखारा का मतलब जब हम किसी भी काम को अंजाम देने के लिए सोचे तो हमारे दरमियान दो ऑप्शन यानी विकल्प हो तो ऐसे में हम सभी अपने रब से इस्तिखारे के ज़रिए सही राय की तलब करते हैं।
अगर किसी भी मोमीन को शादी करनी हो और उसके आगे दो रिश्तों का मामला दरपेश आ जाए तो ऐसे में उसे अपने रब से इस्तिखारे के ज़रिए यह तलब करना चाहिए कि मेरे लिए कौन बेहतर है।
इस्तिखारा के ज़रिए आप अपने रब से खैर तलब यानी उस बात का सही निर्णय चाहते हैं जो आपके हक में और आपके लिए सही हो इसमें हम दो रकात की नमाज अदा करने के बाद दुआ ए इस्तिखारा करते हैं।
अंतिम एडवाइज
एक बात पर नजर डालने की जरूरत है कि इस्तिखारा करने के बाद ख्वाब आना जरूरी नहीं अगर वो काम आपके लिए अच्छा है तो आपको उसे करने का मन लगेगा ही।
इसीलिए अपने मन की सुने