Baitul Khala Jane Ki Dua: इस आर्टिकल में हम यहां पर एक बहुत ही महत्वपूर्ण दुआ का जिक्र करेंगे, जो बैतूल खला जाने के लिए होता है। इसे हमने सरल और स्पष्ट शब्दों में प्रस्तुत किया है, ताकि आप इसे आसानी से पढ़ सकें।
इस दुआ को सही से हर बार पढ़ने से आप बैतूल खला जाने में मदद पा सकते हैं। इस्लाम की खूबसूरती इसी में है कि हर काम के लिए दुआ बताई गई है।
इस दुआ को आप सही सही पढ़ कर याद रख लें अगर आप इस लेख को ध्यान से कम से कम दो बार पढ़ेंगे, तो आप इसे याद कर लेंगे और इसके साथ-साथ और भी इस्लामिक इल्म हासिल होंगी।
Baitul Khala Jane Ki Dua
आप भी जानते ही होंगे कि किसी को भी दुआ को अरबी में पढ़ना बेहतर होता है इसीलिए हमने इस दुआ को भी हिंदी इंग्लिश के अलावा अरबी भाषा के शुद्ध लफ्जों में लिखा है।

Baitul Khala Jane Ki Dua In Hindi
अल्लाहुम्म इन्नी अउजू बि क मिनल खुब्सि वल खबाइस
Baitul Khala Jane Ki Dua In English
Allahumma inni A-ujoo Bika Minal Khubsee Wal Khabaais
Baitul Khala Jane Ki Dua In Arabic
اَللّٰهُمَّ إِنِّيْ أَعُوْزُ بِكَ مِنَ الْخُبْثِ وَالْخَبَاىِٔثِ
Baitul Khala Jane Ki Dua Ka Tarjuma
ऐ अल्लाह मैं पनाह चाहता हूं खबीस जिन्नों से मर्द हो या औरत
बैतूल ख़ला जाने का सुन्नत तरीका
जब कभी भी आप बैतूल खला में जाने का इरादा करें तो पहले बिस्मिल्लाही पढ़ें। इसके बाद बैतूल खला में जाने की दुआ को पढ़ें। इससे आपका पर्दा भी कायम रहेगा।
एक कौल के मुताबिक रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने फरमाया है कि:
जब कोई व्यक्ति बैतूल खला में जाने का सोचता है, तो उसे “बिस्मिल्लाही” पढ़ लेना चाहिए। इसे जिन्नों की नजरों और शरीर के उस हिस्से के बीच पर्दा हो जाएगा और शयातीन तथा जिन्न आपको नुकसान नहीं पहुंचा सकेंगे।
आपको बैतूल खला में हमेशा जूते या चप्पल पहनकर जाना चाहिए नंगे पैर या नंगे सिर वहां नहीं जाना चाहिए। इस बात का ज्यादा से ज्यादा ख्याल रखें।
बैतूल खला में ज्यादा वक्त जाया ना करें जल्द ही निकलने की कोशिश करें और न ही कभी वहां बात करें ऐसा करना बैतूल खला की सुन्नत के खिलाफ है।
बैतूल खला जाने की आदाब
- जब भी आप बैतूल खला यानि वॉशरूम में जाएं, तो अपने सिर को ढक लें। नंगे सिर में पेशाब करने जाना मकरूह है।
- सबसे पहले बाएं पैर से अंदर में रखें। वॉशरूम में कभी भी पूरब और पश्चिम की जानिब रुख नहीं करना चाहिए।
- अपने शर्मगाह को दाहिने हाथ से कभी न छुएं। बैतूल खला में इन बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है।
- जब आप वहां हों तो सलाम, अजान या छींक का जवाब न दें।
- एक बात और शर्मगाह से कपड़े को तब तक न हटाएं जब तक आप जमीन के करीब न पहुंच जाएं यानि बैठने लगे तब ही हटाएं।
- पेशाब की छीटों से बचने का कोशिश करें, क्योंकि यह कब्र के अज़ाब का कारण बन सकता है।
- कभी भी बैतूल खला में ऐसी अंगूठी न पहनें जिसमें अल्लाह का नाम लिखा हो। बिना वजह अपने शर्मगाह या नजासत को न देखें।
- बैतूल खला के अंदर थूकने या नाक साफ करने से बचें।
इसपे एक हदीस है हज़रत अब्दुल्लाह इब्न अब्बास रजियल्लाहु तआला अन्हु ने बताया कि:
जब हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम दो कब्रों के पास पहुंचे तो उन्होंने कहा कि इन दोनों पर अज़ाब हो रहा है।
एक व्यक्ति को पेशाब से बचने में लापरवाही के कारण और दूसरे को चुगली करने के कारण अज़ाब मिल रहा है।
इसलिए हमें उन गुनाहों से बचना चाहिए जो हमें कब्र के अज़ाब में डाल सकती हैं। आप भी इस बात पर अमल करें और दूसरों को भी इसकी जानकारी दें।
आख़िरी बात
आपने इस Post में Baitul Khala Jane Ki Dua को हिंदी, अंग्रेजी और अरबी के साफ और आसान लफ्जों में पढ़ा, इसे हमने सही तरीके से लिखा ताकि सभी लोग अपनी पसंदीदा भाषा में इसे पढ़कर आसानी से समझ सकें और अपने जीवन में इसे अपनाएं।
यदि आपने इस लेख को लास्ट तक पढ़ा है तो आपको बैतूल खला जाने की दुआ के साथ-साथ उसकी सुन्नत और आदाब भी मालुम हो ही गया होगा अगर फिर भी आपके मन में कोई प्रश्न है, तो कृपया हम से टिप्पणी करके पूछें, हम आपके सवालों का जवाब देने में खुशी होगी।
अगर आपको यह दुआ पसंद आया है और इससे आपको कुछ सीखने को मिला है, तो इसे केवल अपने ही तक सीमित न रखें। इसे सभी मोमिनों के साथ Share करें ताकि आप सदका-ए-जरिया का लाभ उठा सकें।