Aafiyat Ki Dua: बस एक दुआ और मिलेगी जिंदगी और आख़िरत में सुकून

आज हम आपके साथ एक ऐसी खास दुआ शेयर करने जा रहे हैं जिसे पढ़ने से इंसान को दुनियां और आखिरत दोनों में भलाई और खैरियत मिलती है। ये दुआ है Aafiyat Ki Dua।

हर किसी को ये दुआ जरूर याद करनी चाहिए, क्योंकि इससे जिंदगी में चैन, बरकत और सुकून आता है। तो चलिए बिना देर किए जानते हैं ये खास दुआ आसान लफ्ज़ों में।


✨ Aafiyat Ki Dua

हमने यहां पर इस दुआ को हिंदी के साथ साथ अरबी और इंग्लिश तीनों ही ज़ुबानों में दिया है, ताकि आप इसे अपनी पसंद की भाषा में पढ़ और याद कर सकें, और आखिर में तर्जुमा भी बताया है।

Aafiyat Ki Dua
Aafiyat Ki Dua

📖 आफियत की दुआ हिंदी में

अल्लाहुम्मा इन्नी अस्अलु-कल आफियत वल मुआफा-त फिद्दुनया वल आखि-रह


🌏 आफियत की दुआ इंग्लिश में

Allahumma Inee As’alu-kalu Aafiyat Wal Muaafaat-ta Fid-duniya Wal Aakhi-Rah


🕌 आफियत की दुआ अरबी में

اللَّهُمَّ إِنِّي أَسْأَلُكَ العَفْوَ والعَافِيَةَ والمُعَافَاةَ في الدُنْيا والآخِرَةْ


💬 आफियत की दुआ का तरजुमा

“ऐ अल्लाह! मैं आपसे दुनियां और आखिरत, दोनों की आफियत (भलाई और सुरक्षित जिंदगी) तलब करता हूं।”


🙏 आफियत पाने के लिए जरूरी बातें

दुआ पढ़ने के साथ-साथ इन बातों पर भी अमल करना बहुत जरूरी है:

  • इस्लाम के हर अरकान को दिल से निभाएं।
  • नमाज़, रोज़ा जैसे सभी फर्ज वक्त पर अदा करें।
  • सेहत का ध्यान रखें और साफ-सुथरा खाना खाएं।
  • वक्त पर सोएं और वक्त पर उठें।
  • किसी का भला कर सकें तो जरूर करें, लेकिन कभी बुराई न करें।
  • कुरान और हदीस की बातों पर अमल करें।
  • जिंदगी को हमेशा अल्लाह के डर और मोहब्बत के साथ गुजारें।

🏆 अंतिम लफ्ज़

अब तक आपने आफियत की दुआ पढ़ ली होगी और शायद इसे याद भी कर लिया होगा। कोशिश कीजिए कि इस दुआ को अपनी रोज़मर्रा की जिंदगी में ज्यादा से ज्यादा पढ़ें और अमल में लाएं।

रोजाना इस दुआ को पढ़ना अपनी आदत बना लीजिए। आप देखेंगे कि जिंदगी में धीरे-धीरे मुश्किलें कम होंगी और दिल को चैन मिलेगा। याद रखिए – “दुआ हम सब का सबसे बड़ा हथियार है।”

My name is Firdoush, and I am the Editor and Writer at Alseza. I am a Sunni Muslim from Ranchi, India, with experience in teaching and writing about Islam since 2019. My work focuses on creating and sharing authentic Islamic duas and content aimed at pleasing Allah ﷻ and seeking His blessings.