क्या आप जानते हैं कि खाने के बाद दस्तरखान उठाते वक्त एक बेहद ख़ास दुआ पढ़ी जाती है? जी हाँ, यह दुआ न सिर्फ़ शुक्र अदा करने का बेहतरीन तरीका है बल्कि बरकत और सवाब भी लाती है।
आज हम आपको बताएंगे Dastarkhwan Uthane Ki Dua – वो भी हिंदी, अरबी और इंग्लिश तीनों में, ताकि आप इसे आसानी से पढ़ कर याद कर सकें।
✨ दस्तरखान उठाने की दुआ क्यों पढ़नी चाहिए?
- दस्तरखान उठाने की दुआ पढ़ना सुन्नत है।
- यह दुआ अल्लाह का शुक्र अदा करने का बेहतरीन तरीका है।
- इसे पढ़ने से खाने में बरकत होती है और दिल में सुकून आता है।
- इस दुआ से हम ये जताते हैं कि हम खाने से कभी बेपरवाह या बेज़रूरत नहीं हैं, बल्कि हमेशा अल्लाह की रहमत के मोहताज हैं।
🙏 Dastarkhwan Uthane Ki Dua in Hindi
अल्हम्दु लिल्लाहि कसीरन तय्यबम मुबारकन फीहि गैर मुक फियन वला मुवद्दईन वला मुस्तगन न अन्हुं रब्बना

📖 Dastarkhwan Uthane Ki Dua in Arabic
الْحَمْدُ لِلَّهِ كَثِيرًا طَيِّبًا مُبَارَكًا فِيهِ، غَيْرَ مَكْفِيٍّ، وَلاَ مُوَدَّعٍ وَلاَ مُسْتَغْنًى عَنْهُ، رَبَّنَا
🌍 Dastarkhwan Uthane Ki Dua in English
Alhamdu-lillahi Kaseeran Tayyabam Mubarakan Feehi Gair Muk-fiyan Walaa Muwaddaeein Walaa Mustagan’n Anhu Rabbana
💡 Dastarkhwan Uthane Ki Dua Ka Tarjuma
“सब तारीफें अल्लाह ही के लिए हैं, ऐसी तारीफ जो पाक और बरकत वाली हो। ऐ हमारे रब! हम ये खाना खत्म करके न तो इसे काफी समझ रहे हैं, न इसे अलविदा कह रहे हैं और न ही इससे बेज़रूरत हैं।”
📌 दस्तरखान उठाने की दुआ याद करने के आसान तरीके
- सबसे पहले दुआ को हिंदी लफ्ज़ों में याद करें।
- उसके बाद धीरे-धीरे अरबी में पढ़ने की कोशिश करें।
- दुआ को खाने के बाद रोज़ाना पढ़ें ताकि याद पक्की हो जाए।
- बच्चों को भी इस दुआ की आदत डालें, इससे उनके दिल में अल्लाह का शुक्रिया अदा करने की आदत बनेगी।
✅ दस्तरखान उठाने की दुआ पढ़ने के फायदे
- खाने में बरकत होती है।
- अल्लाह का शुक्र अदा करने का मौका मिलता है।
- दिल को सुकून और तसल्ली मिलती है।
- यह सुन्नत है, इसलिए इसे पढ़ने पर सवाब भी मिलता है।
- बच्चों और बड़ों दोनों के लिए अख़लाक़ी सिख है।
आखरी शब्द
अब आपने Dastarkhwan Uthane Ki Dua in Hindi, Arabic, English तीनों भाषाओं में पढ़ ली। इसे याद करके जब भी आप खाना खत्म करें, तो दस्तरखान उठाते वक्त यह दुआ जरूर पढ़ें।
याद रखिए, खाना सिर्फ पेट भरने का ज़रिया नहीं बल्कि अल्लाह की नेमत है। इसलिए हर लुक़्मे का शुक्र अदा करना हमारी जिम्मेदारी है। इसीलिए इस दुआ को पढ़ा करें।