Ghar Se Nikalne Ki Dua । घर से निकलने की दुआ

Ghar Se Nikalne Ki Dua: हम सभी लोग हर रोज कहीं न कहीं जाने के लिए कितनी ही दफा अपने अपने घरों से निकलते हैं ऐसे में हम सब चाहते हैं कि हमारा घर से निकलना महफूज रहे और साथ ही जिस मकसद से निकले हो वो मुकम्मल हो जाए।

हम सब की दिली तमन्ना यही होती है कि किसी भी तरह का कोई परेशानी न हो और हम अच्छे से रहें ऐसे में हमारा रब ने हम सब के लिए दुआ नाजिल फरमाई जिसकी शान माशाल्लाह।

आज हम ने उसी दुआ को यानी घर से निकलने की दुआ को यहां पर बताया है जिसे आप सही सही और आसानी से पढ़ सकेंगे और हो सके तो याद भी करने की कोशिश कीजिएगा।

Ghar Se Nikalne Ki Dua

यहां पर इस दुआ को हमने आसान लफ्जों में लिखने के साथ साथ हिंदी और इंग्लिश तथा अरबी में भी लिखा है ताकि आप आसानी से अपने पसंद की लैंग्वेज में पढ़ सकें। जिसे समझने में आसानी हो और आसानी से याद भी कर लेंगे।

Ghar Se Nikalne Ki Dua In Hindi

सबसे पहले यहां पर आप अपने मुल्क की मातृभाषा यानी हिंदी में पढ़ें।

बिस्मिल्लाही त वक्कलतु अलल्लाही व ला हौ ल वला कुव्वता इला बिल्लाह।

Ghar Se Nikalne Ki Dua In English

इस मुल्क में बहुत सारे लोग हिंदी सही सही नहीं पढ़ पाते हैं तथा उन्हें समझने में दिक्कत होती है इसीलिए हमने यहां पर इंग्लिश में भी इस दुआ को लिखी है।

Bismillahi Ta Wakkalatoo Alallahi Wa La Hau La Kuwwata ila Billah.

Ghar Se Nikalne Ki Dua Ka Tarjuma

मैं अल्लाह के नाम लेकर निकला, मैंने अल्लाह पर भरोसा किया गुनाहों से बाज रहने और इबादत नेकी करने की ताकत अल्लाह ही की तरफ़ से है।

Ghar Se Nikalne Ki Dua In Hindi & English

घर से निकलने की दुआ की फ़ज़िलत

जो भी आशिक़ ए रसूल घर से निकलते हुए घर से निकलने की दुआ को पढ़ता है तो वह घर लौटने तक हर बला व आफत से महफूज रहता है।

एक कौल के मुताबिक सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया आदमी अपने घर के दरवाजे से बाहर निकलता है तो उसके साथ दो फरिश्ते मुकर्रर होते हैं।

जब वो बंदा दुआ में कहता है ‘बिस्मिल्लाही’ तो इस पे फ़रिश्ते कहते हैं कि तुने सीधी राह इख्तियार की है।

जब दुआ में ‘व ला हौ ल वला कुव्वता इला बिल्लाह’ कहता है तो फ़रिश्ते कहते हैं कि अब तु हर आफत से महफूज है।

जब बंदा ‘त वक्कलतु अलल्लाही’ कहता है तो फरिश्ते कहते हैं अब तुझे किसी और की मदद की जरूरत नहीं।

जिसने भी घर से निकलने की दुआ पढ़ी उसे दो शैतान जो उस पर मुसल्लत होते हैं वह उसे मिलते हैं फरिश्ते कहते हैं अब तूम इस के साथ क्या करना चाहते हो?

अब तो इसने सीधी रास्ता इख्तियार किया तमाम आफत से महफूज हो गया और खुदा की इमदाद के अलावा दूसरे की इमदाद से बेनियाज़ हो गया।

अब तक तो आप भी समझ गए होंगे कि इस दुआ पढ़ने के कितनी बड़ी रहमत और बरकत है इसीलिए जब भी घर से बाहर निकले तो जरूर घर से निकलने पर पढ़ी जाने वाली दुआ को हमेशा पढ़ें।

घर से निकलने की सुन्नत व आदाब

  • सबसे पहले कहीं दूर जाने के लिए घर से निकलते हुए अपने मां-बाप व अहलो आयाल से मुसाफा कर लें बेहतर है।
  • यह हुजूर ताजदारे मदीना सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम का फरमाने आलीशान है घर से बाहर सलाम करके जाओ।
  • साथ ही एक दूसरे की गलतियों को माफ़ करके अपने घर से रुखसत हो जिस तरह से आप अपनी बक्शीश खुदा से चाहते हैं।
  • घर से बाहर निकलते हुए किसी भी अंग को निकालने से पहले अपने बायां पाव को बाहर निकालें।

FAQ

घर से निकलते वक्त क्या पढ़ना चाहिए ?

घर से निकलते हुए घर से निकलने की दुआ पढ़ना चाहिए और अपनों से सलाम करना चाहिए।

घर से निकलने की दुआ पढ़ने की क्या फायदे हैं ?

घर से निकलते वक्त दुआ पढ़ते हैं तो आपकी हिफाजत फरिश्ते करेंगे।

आख़िरी लफ्ज़

हमने यहां पर दुआ के साथ साथ और भी कई तरह की अच्छी अच्छी बातें बताई थी जिसे आप पढ़ और समझ कर तथा अमल में ला कर जिंदगी के साथ साथ आख़िरत में भी सुकून हासिल करेंगे।

आप इस दुआ को ज्यादा से ज्यादा पढ़ें और जिन्हें ना मालुम हो उन तक शेयर करके जरूर पहुंचाए ताकि सब आलम ए इस्लाम दुआ की फ़ज़िलत व रहमत हासिल कर सकें।

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