Kapda Pahnane Ki Dua । कपड़ा पहनने की दुआ हिंदी और इंग्लिश में

Kapda Pahnane Ki Dua: हमारा खूबसूरत मज़हब यानी कि मजहब ए इस्लाम में हर तरह के जरूरत और शौक के लिए दुआ नाजिल की गई है जिसे पढ़ कर हम और आप अपनी जिंदगी में खुशहाली पा रहे हैं।

क्योंकि दुआ पढ़ने से सचमुच में तकदीर बदल जाती है अगर आपकी दुआ कबूल हो गई तो आप बहुत आनंदित जीवन बिताएंगे लेकिन उसे पहले दुआ मालुम भी तो होना चाहिए।

इसीलिए आज हम लेकर आए हैं कपड़े पहनने की दुआ जो सचमुच में आपके लिए इफेक्टिव है आप इस दुआ को हमेशा कपड़ा पहनने से पहले पढ़ें और अपने जिंदगी में ख़ुशी पाएं।

Kapda Pahnane Ki Dua

बहुत ही ख़ुशी के साथ ये बोल रहा हूं कि हमने यहां पर कपड़ा को पहनने की दुआ हिंदी के साथ साथ इंग्लिश में भी लिखा है जिसे आप अपनी मनचाहा भाषा में आसानी से पढ़ कर याद रख लेंगे और हमेशा कपड़ा पहनते हुए आसानी से दुआ पढ़ सकेंगे।

Kapda Pahnane Ki Dua In Hindi

अलहम्दु-लिल्लाहिल-लजी कसानी माओवारी बिही औरती व अत जम्मलू बिही फी हयाती

Kapda Pahnane Ki Dua In Hindi and English
Kapda Pahnane Ki Dua In Hindi and English

Kapda Pahnane Ki Dua In English

Alhamdu Lillahil Lazi Kasaani Maaowaari Bihee Aurati Wa At Jammalu Bihee Fi Hayaati.

Kapda Pahnane Ki Dua Ka Tarjuma

सब तारीफें उस अल्लाह के लिए है जिसने मुझको कपड़ा पहनाया जिससे मैं अपनी शर्मगाह को छुपाता हूं और अपनी जिंदगी में इसे खूबसूरती हासील करता हू।

कपड़ा पहनने का सही और सुन्नत तरीका

हमेशा कपड़ा सीधी तरफ़ से पहनना चाहिए यह सुन्नत हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम की है तथा नबी ए अकरम सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम का यही तरीका था।

हर बार का उनका तरीका था कि जब कमीज या कुर्ता पहनते तो पहले दाहिने हाथ में डालतें, आप भी ठीक इसी प्रकार सलवार या पजामा पहने तो पहले दाहिने पैर में डालें इसके बाद बाएं पैर में डालें।

अब कमीज या सलवार उतारते वक्त जस्ट उल्टा करें यानी बाएं पैर से उतारना शुरू करें फिर दाएं पांव से निकाले यही सुन्नत तरीका है।

किसी भी कपड़े को पहनने से पहले झाड़ना भी हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम की सुन्नत है आप किसी भी कपड़े को पहनते तो झाड़ लेते।

इस पर भी गौर फरमाएं कि सलवार पैंट या तहबंद को टखनों के उपर ही रखना चाहिए, क्योंकि एक हदीस में है की हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने भी ऐसा ही किया है।

कपड़ा पहनने का आदाब

किसी भी तरह का कपड़ा पहनते हुए अल्लाह की तारीफ बयां करनी चाहिए और उसी का शुक्र भी अदा करना चाहिए और कपड़ा पहनने की दुआ पढ़ना चाहिए।

कपड़ा पहनते हुए दुआ करें क्योंकि दुआ एक तरह की अल्लाह से तौफिक मांगने का जरिया है कि‌ ऐ अल्लाह तू मुझे तौफिक दे कि इस लिबास को पहनकर तेरी इबादत करूं।

आप कपड़ा पहनते हुए अपने मन में और दिल में भी यह नियत करें कि हम इस कपड़े को पहन कर खुदा का खूब दिल व जान से इबादत करके नोकिया हासिल करूंगी।

कपड़े पहनने से जुड़ी कुछ हदीस शरीफ

एक आला हदीस के मुताबिक हज़रत अबु हुरैरा रजियल्लाहु अन्हुं से रिवायत है कि रसुले अकरम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया कि लिबास पहनते हुए और वजू करते हुए दाएं जानिब से शुरू करो।

जबकि दूसरी हदीस में यह है कि हज़रत इब्ने उमर रजियल्लाहु अन्हुमा से रिवायत है रसुलुल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम फरमाते हैं जिस ने भी दुनिया में शोहरत पाने के लिए लिबास पहना तो उसे कयामत के रोज अल्लाह तआला उसे जिल्लत का लिबास पहनाएगा।

इस्लाम में कैसा कपड़ा पहनना चाहिए?

अगर कपड़े का रंग बात कि जाए तो ज्यादा सफेद लिबास पहनना चाहिए यह हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम का पसंदीदा रंग है।

इसके बाद हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि व सल्लम का सबसे पसंदीदा रंग हरा है यह रंग का कपड़ा बुजुर्गी और रूहानियत कि निशानी है।

अब ऐसा भी नहीं कि दुसरा रंग का ना पहने वो भी पहनना चाहिए लेकिन सफेद लिबास पहनना मुफ्त नेकी है इसे ज़रूर हासिल करें।

हमारी मां बहनों को हमेशा रेशमी लिबास ही पहनना चाहिए इसीलिये तो हुज़ूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने हुक्म दिया है कि उसे दुपट्टा बना कर सर ढक लो।

हमारा खूबसूरत मज़हब इस्लाम ने लिबास के इस्तेमाल में एक बड़ा अहम उसुल और अदब ये भी सिखाया है कि लिबास को दो हिस्सों में पहनो उपर के लिए अलग और नीचे के लिए अलग।

इस्लाम में कैसा कपड़ा नहीं पहनना चाहिए?

अब यहां पर हमारे इस्लामी भाइयों को रेशमी लिबास पहनने से मना किया गया है क्योंकि रेशमी कपड़ा पहनने से रौनक व जिन्नत का इजहार होगा इसे परहेज करें।

किसी भी महंगे या खूबसूरत कपड़े को शोहरत या इज्जत या फिर दिखावे के लिए नहीं पहनना चाहिए।

इस मुआशरा में कुछ इस्लामी भाई लोग ख़ुद का फोटो छपवाकर कपड़ा पहनने लगे हैं ऐसा नहीं पहनना चाहिए हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला‌ अलैहि वसल्लम ने मना फ़रमाया है।

इसके साथ साथ इसपर भी ध्यान दें कि किसी भी लिबास पर अगर जानदार चीज की फोटो है तो उसे भी ना पहने।

हमारी मां बहनों से रिक्वेस्ट है कि इतना बारिक कपड़ा न पहने की पहनने के बाद शरीर का अंग नजर आए बारिक लिबास यह शरीयत के खिलाफ है।

FAQs

कपड़े पहनने की दुआ क्या है?

कपड़े पहनने में अलहम्दु लिल्लाहिल लजी कसानी माओवारी बिही औरती व अत जम्मलू बिही फी हयाती दुआ है।

कपड़े को कौन से दिन पहनना चाहिए?

नए कपड़े पहनने को कोशिश करें कि जुम्मा के दिन से पहन कर शुरुआत करें।

नए कपड़े कब नहीं पहनना चाहिए?

नए कपड़े को शनिवार, रविवार और मंगलवार ऐसे दिन को नहीं पहनना चाहिए।