जब इंसान कोई गलती या गुनाह कर बैठता है, तो उसके दिल में अफसोस और पछतावा होना ईमान की निशानी है। ऐसे वक्त में अल्लाह की तरफ लौटना और सलातुल तौबा अदा करना एक बेहद खूबसूरत अमल है।
यह नमाज़ और दुआ अल्लाह से माफी मांगने का सबसे असरदार ज़रिया है। यह न सिर्फ गुनाहों की माफी दिलाती है, बल्कि दिल को सुकून और रूह को सच्ची राहत देती है।
आइए जानते हैं Salatul Tauba Ki Dua हिंदी, अरबी, और इंग्लिश में इसके साथ-साथ इसका सही मतलब, पढ़ने का सही तरीका, और सलातुल तौबा के फायदे भी।
Salatul Tauba Ki Dua Kya Hai?
सलातुल तौबा की दुआ एक ऐसी दुआ है जिसे कोई अल्लाह का नेक बंदा पढ़ ले तो वो इस तरह गुनाहों से पाक हो जाता है जैसे आज ही जना हो, इसीलिए हम सब को इसे जब भी वक़्त मिले पढ़ना चाहिए क्यूंकि हम सब गुनाहों की दौलत से मालामाल हैं।
यही वजह है कि हमने आज इस लेख में सलातुल तौबा की दुआ को हिंदी के साथ साथ रोमन इंग्लिश और अरबी के साफ़ लफ़्ज़ों में लिख कर बताया है ताकि सब इसे जान सकें।
Salatul Tauba Ki Dua In Hindi
अल्लाहुम्मा इन्नी जलम्तु नफ्सी जुल्मन कसीरं वला यग्फिरूज् जुनूबा इल्ला अन्ता फग़फिरली मगफिरतम मिन इनदिका व रहमनी इन्नका अन्तल गफूरुर्रहिम

Salatul Tauba Ki Dua In Arabic
اَللّٰھُمَّ أِنِّیْ ظَلَمْتُ نَفْسِیْ ظُلْمًا کَثِیْرًا وَّلَا یَغْفِرُ الذُّنُوْبَ اِلَّا أَنْتَ فَاغْفِرْلِیْ مَغْفِرَةً مِّنْ عِنْدِكَ وَارْحَمْنِیْ أِنَّكَ أَنْتَ الْغَفُوْرُ الرَّحِیْمَ
Salatul Tauba Ki Dua In Roman English
Allahumma inni Zalamtu Nafsi Zulman Kaseeranw Walaa Yaghfiruz Zunubaa illa Anta Faghfirlee Maghfiratan Min ‘Indika Warhamni Innaka Antal Ghafoorur Raheem.
Salatul Tauba Ki Dua Ka Tarjuma
“ऐ अल्लाह! मैंने अपनी जान पर बहुत ज़ुल्म किया है, और तेरे सिवा कोई गुनाहों को माफ़ करने वाला नहीं है। तू अपनी तरफ से मुझे माफी दे और मुझ पर रहम कर, बेशक तू ही बख़्शने वाला और रहमत करने वाला है।”
Salatul Tauba Ka Sahi Tarika
अगर आप सच्चे दिल से तौबा करना चाहते हैं, तो नीचे दिए आसान स्टेप्स फॉलो करें:
- दिल में नीयत करें कि अब उस गुनाह को कभी नहीं दोहराएंगे।
- अच्छे से वुज़ू करें ताकि पाकी हासिल हो।
- दो रकअत नफ़्ल नमाज़ सलातुल तौबा की नीयत से पढ़ें।
- नमाज़ के बाद Salatul Tauba Ki Dua पढ़ें।
- अल्लाह से सच्चे दिल से माफी मांगें और रहमत की दुआ करें।
सलातुल तौबा में दिल की सच्चाई ही सबसे अहम होती है।
सलातुल तौबा की दुआ पढ़ने के फायदे
- गुनाहों की माफी: यह दुआ तौबा की कुंजी है, जो अल्लाह की माफी का दरवाज़ा खोलती है।
- दिल को सुकून: गुनाहों के बोझ से राहत मिलती है और रूह को चैन मिलता है।
- अल्लाह की रहमत: यह दुआ अल्लाह की रहमत और बरकत को अपनी तरफ खींचती है।
- ईमान की मजबूती: तौबा करने से इंसान का ईमान और भरोसा मजबूत होता है।
FAQs
सलातुल तौबा कब पढ़ी जाती है?
जब भी कोई गुनाह हो जाए, उसी वक्त तौबा की नीयत से पढ़ सकते हैं।
क्या यह नमाज़ हर गुनाह के लिए पढ़ी जा सकती है?
हाँ, चाहे छोटा गुनाह हो या बड़ा, अल्लाह हर तौबा को कुबूल करता है।
क्या सिर्फ दुआ पढ़ना काफी है?
सिर्फ दुआ नहीं, बल्कि सच्ची नीयत और गुनाह छोड़ने का इरादा भी जरूरी है।
क्या औरतें भी पढ़ सकती हैं?
जी बिल्कुल, औरतें भी सलातुल तौबा अदा कर सकती हैं जैसे नफ़्ल नमाज़।
आखरी बात
जब भी आपको लगे कि आपने कोई गलती की है तो शर्मिंदा होने के बजाय अल्लाह की तरफ लौट आएं, दो रकअत सलातुल तौबा अदा करें फिर Salatul Tauba Ki Dua दिल से पढ़ें।
अल्लाह तआला हर सच्ची तौबा को कुबूल करता है। यह दुआ सिर्फ अल्फ़ाज़ नहीं, बल्कि दिल की सफाई और रूह की ताजगी का ज़रिया है।इस दुआ को दूसरों तक पहुंचाना सदक़ा-ए-जारिया है।