Susti Ki Dua: थकान, आलस और सुस्ती ये तीन चीज़ें जिंदगी की खुशियों को धीरे-धीरे चुरा लेती हैं। चाहे पढ़ाई हो, नौकरी हो या इबादत सब कुछ बोझ लगने लगता है।
अगर आप भी इसी परेशानी से जूझ रहे हैं, तो आपके लिए खुशखबरी है। यह दुआ न केवल थकान और आलस मिटाती है बल्कि दिल को सुकून और आत्मा को ताज़गी देती है।
हम यहां आपके लिए ये दुआ हिंदी, इंग्लिश और अरबी तीनों भाषाओं में शेयर कर रहे हैं, ताकि आप इसे अपनी पसंदीदा भाषा में पढ़ सकें और हर वक्त काम आ सके।
Susti Ki Dua पढ़ने का फ़ायदा
🔹 मन और शरीर से आलस व सुस्ती दूर होती है।
🔹 काम करने में एनर्जी और पॉज़िटिविटी आती है।
🔹 क़र्ज़ और ग़म जैसी परेशानियों से बचाव की दुआ है।
🔹 इंसान को हिम्मत, हौसला और हिम्मत मिलती है।
🔹 यह दुआ आपको डिप्रेशन और टेंशन से भी राहत दिलाती है।
Susti Ki Dua In Hindi
अल्लाहुम्मा इन्नी अउजुबिका मिनल हम्मी वल-हजनी वल-अजजि वल-कसलि वल-बुखलि वल-जुबनि वल दलाइद-दयनी व गलाबतिर-रिज़्जाल
📖 रिफरेंस: हिस्न अल-मुस्लिम 137
Susti Ki Dua In English
Allahumma inni Aujoobikaa Minal Hammi Wal Hazni Wal Ajzi Wal Kasli Walbukhli Wal Jubni Wal Dalaeed Dayni Wa Galabatir Rijjal
Susti Ki Dua In Arabic
اللَّهُمَّ إِنِّي أَعُوذُ بِكَ مِنَ الْهَمِّ وَالْحَزَنِ، وَالْعَجْزِ وَالْكَسَلِ وَالْبُخْلِ وَالْجُبْنِ، وَضَلَعِ الدَّيْنِ وَغَلَبَةِ الرِّجَالِ
Susti Ki Dua Ka Tarjuma
ऐ अल्लाह! मैं तेरी पनाह मांगता हूं
परेशानी और ग़म से,
कमज़ोरी और सुस्ती से,
कंजूसी और बुज़दिली से,
कर्ज़ के बोझ से और लोगों के ग़ालिब हो जाने से।
सुस्ती और आलस दूर करने के इस्लामी तरीके
दुआ पढ़ने के साथ-साथ, अगर आप कुछ छोटे-छोटे कदम उठाएंगे तो सुस्ती और थकान हमेशा के लिए दूर हो जाएगी
- नियमित नमाज़ अदा करें – नमाज़ आत्मा और शरीर दोनों के लिए एनर्जी बूस्टर है।
- सुबह जल्दी उठें – फज्र की नमाज़ और सुबह की ताज़ा हवा आलस को मिटा देती है।
- कुरआन की तिलावत करें – यह दिल को सुकून और दिमाग को रौशनी देती है।
- तस्बीह (ज़िक्र) करें – सुबहानल्लाह, अलहम्दुलिल्लाह, अल्लाहु अकबर का ज़िक्र आलस को दूर करता है।
- सही खान-पान रखें – हल्का और हेल्दी खाना खाने से शरीर हल्का महसूस करता है।
रोज़ाना ज़िंदगी में सुस्ती दूर करने के आसान टिप्स
हर दिन का एक प्लान (To-do list) बनाएं।
सबसे छोटा और आसान काम पहले निपटाएं।
सोचें कि इस काम का क्या फायदा होगा।
अगर काम टालेंगे तो नुकसान क्या होगा, इसे भी याद रखें।
मकसद के साथ जिंदगी जिएं और टाइम पर काम करें।
FAQs
Susti Ki Dua कब पढ़नी चाहिए?
जब भी आलस या थकान महसूस हो, नमाज़ के बाद या फुर्सत के वक्त पढ़ सकते हैं।
क्या यह दुआ हर किसी के लिए है?
जी हां, यह हर मुसलमान भाई-बहन पढ़ सकते हैं।
क्या सुस्ती सिर्फ दुआ से ही दूर होगी?
दुआ के साथ-साथ लाइफस्टाइल और आदतें सुधारना भी ज़रूरी है।
निष्कर्ष
अब आपने जान लिया कि सुस्ती की दुआ और यह दुआ कितनी असरदार है। अगर आप इसे दिल से पढ़ेंगे तो न सिर्फ सुस्ती बल्कि ग़म, टेंशन और आलस सब दूर हो जाएंगे।
दुआ के साथ-साथ अगर आप नमाज़, तिलावत और सही लाइफस्टाइल अपनाएंगे, तो यकीन मानिए आपकी ज़िंदगी एनर्जी और पॉज़िटिविटी से भर जाएगी। अगर इस आर्टिकल से जुड़ा कोई सवाल है, तो आप हमसे पूछ सकते हैं।